खुले हुए हिस्से के दोनों सिरों को मिलाकर एकसार करना, सम करना ही ताला लगाना हुआ।
4.
इस सुर को भली प्रकार से सम करना सीख जाने पर ह्रदय के तमाम रोग ।
5.
खुले हुए हिस्से के दोनों सिरों को मिलाकर एकसार करना, सम करना ही ताला लगाना हुआ।
6.
चित्त को सम करना यह आपके हाथ की बात है और यह समत्वयोग समस्त योगों में शिरोरमणि है।
7.
चित्त की समता प्रसाद की जननी है | हजारों वर्ष नंगे पैर घूमने की तपस्या, सैकड़ों वर्ष के व्रत उपवास की दो क्षण की समता की बराबरी नहीं कर सकते | चित्त को सम करना यह आपके हाथ की बात है और यह समत्वयोग समस्त योगों में शिरोमणि है |